आया आया फाल्गुन मास आया
साथ अपने रंगों भरा त्योहार लाया ;
रंग बिरंगे गुब्बारे,
रंगों से भरी पिचकारियाँ
रंगों में डूबे ये बच्चे
लगते कितने प्यारे|
माँ,चाची, दादी मिलकर
बनाते हैं ढेरों पकवान,
देखो देखो घर पर
आते हैं कितने मेहमान
लाल, गुलाबी.नीला,पीला
देखो रंग है कितना नशीला,
उस पर सबका कपडा भी है
कितना गीला,
गिले शिकवे मिटा कर
सब मिलते हैं गले
देखो कितना सुन्दर
कितना प्यारा है त्योहार .....
ये है रंगों में डूबा बसंत का त्योहार......
सब को होली की अग्रिम शुभकामनाएं
रविवार, 21 फ़रवरी 2010
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Neelam jee,
जवाब देंहटाएंBachchon ke liye log kam likha rahe hain.aise men apka yah blog aur prastuti achchhee lagi. sundar rachana.