एक चिड़िया की है ये कहानी,
घोसले में नन्हें बच्चों को ,
देती थी वो दाना पानी,
और बच्चों को वो थी चुगाती
धीरे धीरे बच्चे हुए बड़े,
नन्हें पंखों को थे वो फडफडाते
चिड़िया उनको सिखाती थी उड़ना
उड़ कर वो गिरते थे,
गिर कर वो संभलते थे,
एक दिन सीख गए उड़ना,
उड़ कर चले गए वो दूर,
चिड़िया देख उन्हें सोच रही थी
कि यही तो जीवन का है दस्तूर|
बुधवार, 2 जून 2010
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